पूर्वी लद्दाख से जुड़े वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ड्रैगन के रुख में अचानक आई नरमी के बावजूद भारत और चीन के द्विपक्षीय रिश्तों को सामान्य होने में अभी लंबा वक्त लगेगा। भारत की कोशिश पहले एलएसी पर पूर्व स्थिति बहाल करने की है। पूर्व स्थिति बहाल होने के बाद भारत की योजना चीन को महज कूटनीतिक मोर्चे पर ही चरणबद्घ तरीके से राहत देने की है। गलवां घाटी संघर्ष के बाद भारत ने चीन के खिलाफ आर्थिक, सामरिक और कूटनीतिक क्षेत्र में मोर्चा खोल रखा है।
एलएसी पर जारी विवाद के बीच दबाव में आए चीन के रुख में अचानक नरमी आई है। इसके बावजूद भारत तय योजना पर ही आगे बढ़ने की रणनीति अपनाएगा। एलएसी पर पूर्व स्थिति बहाल करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है। पैंगोंग झील से पीछे हटकर चीन ने अपनी ओर से रिश्तों में नरमी लाने के साफ संकेत दिए हैं। उच्च पदस्थ सूत्र के मुताबिक, जब तक एलएसी पर पूर्व स्थिति बहाल नहीं होगी तब तक भारत के रुख में कोई नरमी नहीं आएगी। पूर्व स्थिति बहाल होने के बाद भारत चीन को महज कूटनीतिक मोर्चे पर राहत देगा। दरअसल तनाव के बीच भारत ने दक्षिण चीन सागर विवाद मामले में बढ़ चढ़ कर अपनी भूमिका निभानी शुरू कर दी थी। इसके अलावा भारत ने ताइवान मामले के साथ चीन विरोधी वैश्विक गुट से नजदीकियां बढ़ानी शुरू की थी।
आर्थिक मोर्चे पर: स्थानीय वस्तुओं के प्रति बढ़ा आकर्षणतनाव के बीच भारत ने अपने आर्थिक क्षेत्र में चीन के प्रवेश का दरवाजा धीरे-धीरे बंद करना शुरू किया था। इस कड़ी में चीन के कई एप्स पर प्रतिबंध लगाए गए। भारतीय कंपनियों में हिस्से की खरीदी में कानून बनाकर चीन का रास्ता रोका। इंटरनेट की फाइव जी सेवा से चीन को दूर करने की रणनीति बनाई। इसके अलावा पीएसयू और सरकारी क्षेत्र में चीनी कंपनियों की मदद पर अघोषित तौर पर रोक लगाई।
दरअसल भारत के इस कदम के बाद देश में स्थानीय वस्तुओं के प्रति लोगों में आकर्षण बढ़ा है। चीन के कई सामानों के आयात पर रोक लगी है।सामरिक मोर्चे पर: पड़ोसी पर भरोसा नहींभारत को भरोसा नहीं है कि चीन भविष्य में इसी तरह की हरकतों को नहीं दुहराएगा। चीन ने दोकलम विवाद के बाद पूर्वी लद्दाख से जुड़ी एलएसी पर तनाव का माहौल पैदा किया, इसलिए भारत अब सामरिक मोर्चे पर चीन को कोई ढील नहीं देना चाहता।
भारत की रणनीति तनाव के दौरान और तनाव का दौर बीत जाने के बावजूद एलएसी से लगे अपने इलाकों में ढांचागत विकास को युद्घ स्तर पर जारी रखने का है। इससे भविष्य में चीन एलएसी पर ऐसी हरकतों से बचेगा।आगे की रणनीति: कुछ और जगहों से सैनिकों को हटाने पर राजी करनापूर्वी लद्दाख से जुड़ी एलएसी पर कुछ जगहों पर चीन के साथ विवाद जारी है।
भारत की पहली कोशिश इन जगहों से भी चीन को अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए राजी करना है। इसके बाद भारत की योजना एलएसी पर अपनी स्थिति मजबूत करने की है। भारत चीन को संदेश देना चाहता है कि भविष्य में अगर इस तरह की स्थिति आई तो भारत आक्रामक जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा।
Note: Magnewz को अब आप google news Live, google hindi news india, google hindi news in hindi, google hindi news app, google in hindi, google news in english पर भी पढ़ सकते हैं.