नागपुर: महाराष्ट्र में बीजेपी के विरोध के नाम पर बनी महाविकास अघाड़ी के भीतर अब मतभेद के स्वर उठने लगे हैं। शिवसेना की ओर से महाराष्ट्र के शहर औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने की मांग करने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने शिवसेना को नसीहत दी है कि वह कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर ही सरकार के सारे फैसले करे और जो भी निर्णय हों वो सभी दलों की सहमति से हों।
दरअसल, शिवसेना लंबे वक्त से औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने की मांग करती रही है। ये मांग उस वक्त भी की गई थी, जब शिवसेना बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार का हिस्सा थी। कुछ महीनों पहले महाराष्ट्र सरकार के प्रशासन ने उद्धव सरकार को इस संबंध में एक औपचारिक प्रस्ताव भेजा है। उद्धव के नेतृत्व वाली इस सरकार में कांग्रेस सहयोगी दल के रूप में शामिल है। कांग्रेस ने इसी प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि सिर्फ नाम बदल देने भर से औरंगाबाद का कोई विकास नहीं होने वाला है।
..तो प्रस्ताव का करेंगे विरोध: कांग्रेस
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बाला साहब थोराट ने औरंगाबाद के अपने दौरे पर मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘महाअघाड़ी सरकार का गठन एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर हुआ है। हमारे सारे फैसले इसी प्रोग्राम के आधार पर होने चाहिए। औरंगाबाद का नाम बदलने का फिलहाल कोई भी प्रस्ताव अघाड़ी के दलों के बीच नहीं है और अगर ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो हम उसका विरोध भी करेंगे। महाराष्ट्र में सरकार का कोई भी फैसला महाअघाड़ी के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से हटकर नहीं होगा।’
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की बात
औरंगाबाद में ग्राम पंचायत चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे बाला साहब थोराट ने कहा कि हम सभी ने बीजेपी को रोकने के लिए राज्य में एक साझा गठबंधन बनाया है। इस गठबंधन के लोग कुछ मुद्दों के अतिरिक्त कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर ही काम करते हैं। औरंगाबाद का नाम बदल जाने भर से शहर का कोई विकास नहीं होगा। दूसरा ये भी कि यह फैसला कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का हिस्सा भी नहीं है।