New Delhi : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA ) अजीत डोभाल (Ajit Doval) एक बार फिर से चर्चा का विषय बने हुए हैं। देश में हो रही कटरपंथियों के खिलाफ NSA अजीत डोभाल ने 20 सूफी धर्मगुरुओं से मुलाकात की है। जिसमें धर्मगुरुओं ने देश में हो रही कट्टरपंथी ताकत से शांति और सौहार्द के खतरे पर चर्चा की। आपको बता दें कि आज यानी 20 जनवरी को अजीत डोभाल (Ajit Doval) का जन्म होता है। इनके जन्मदिन पर जानते हैं इनका अब तक का शानदार सफर।
गैलेंट्री अवॉर्ड से हुए नवाजित
अजीत डोभाल (Ajit Doval) भारत के इकलौते ऐसे नौकरशाह हैं जिन्हें कीर्तिचक्र और गैलेंट्री अवॉर्ड से नवाजा गया है। डोभाल कई सिक्युरिटी कैंपेन का हिस्सा रहे हैं। इसी के चलते इन्होंने जासूसी की दुनिया में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। आपको बता दें कि NSA अजीत डोभाल (Ajit Doval) का जन्म 20 जनवरी 1945 को पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। उनकी पढ़ाई अजमेर मिलिट्री स्कूल में हुई है। यह केरल कैडर से 1968 में आईपीएस (IPS) के लिए चुने गए। इसके बाद 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) से जुड़ गए।
2014 में देश के बने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA ) अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने अपना ज्यादा समय खुफिया विभाग में जासूसी करके गुजारा है। 2005 में यह इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) के पद से रिटायर हुए हैं। आपको बता दें कि इन्होंने अपने पूरे करियर में सिर्फ सात साल ही पुलिस की वर्दी पहनी है। वह मल्टी एजेंसी सेंटर और ज्वाइंट इंटेलीजेंस टास्क फोर्स के चीफ भी रह चुके हैं। डोभाल को जासूसी का लगभग 37 साल का अनुभव है। वह 31 मई 2014 में देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA ) बने।
Ajit Doval सात साल तक अंडर कवर एजेंट की निभाई भूमिका
अजीत डोभाल (Ajit Doval) सात साल तक अंडर कवर एजेंट के तौर पर पाकिस्तान के लाहौर में पाकिस्तानी मुस्लिम बनकर रहे थे। आपको बता दें कि अजीत डोभाल ने जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर हुए आतंकी हमले में काउंटर ब्लू स्टार में जीत के नायक बने थे। बताया जाता है कि इस ऑपरेशन में अजीत डोभाल एक रिक्शा वाले की भूमिका निभाकर मंदिर के अंदर जाकर आतंकियों की जानकारी सेना को दी थी। जिसके आधार पर भारतीय सेना को सफलता मिली थी।
देश के 5 वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
अजित डोभाल (Ajit Doval) देश के 5 वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हैं। इनकी इस पद पर नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ -साथ ही हुई है। इन्होंने 31 मई 2014 में अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का कार्यभार संभाला था। इसके बाद 31 मई 2019 को केंद्र सरकार ने NSA अजित डोभाल को फिर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया। प्रधानमंत्री के साथ इनका कार्यकाल भी स्वतः समाप्त हो जाएगा। आपको बता दें कि बीजेपी सरकार के हर बड़े फैसले पर अजित डोभाल की बड़ी मोहर रहती है।