BrahMos missile export : भारत की रक्षा रणनीति में एक बड़ा मोड़ तब आया जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद दो अघोषित देशों ने भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरीदने के लिए ₹4000 करोड़ के समझौते किए। यह सौदा भारत की सैन्य ताकत और ब्रह्मोस मिसाइल की वैश्विक विश्वसनीयता का प्रमाण है।
India arms export news
Operation Sindoor India: सटीक सैन्य प्रहार
India arms export news : Operation Sindoor India सटीक सैन्य प्रहार के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य कार्रवाई की थी। इस मिशन में भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस विमानों का उपयोग करते हुए दुश्मन के हवाई अड्डों और आतंकी कैंपों को निशाना बनाया। इन हमलों ने ब्रह्मोस की सटीकता और मारक क्षमता को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया, साथ ही यह भी साबित किया कि चीन का एयर डिफेंस सिस्टम इसे रोकने में असमर्थ है।
BrahMos missile export: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत को ₹4000 करोड़ की सीक्रेट जीत, चीन-पाक को झटका!
Operation Sindoor India: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने दो देशों के साथ ₹4000 करोड़ की ब्रह्मोस मिसाइल डील की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में ब्रह्मोस फैक्ट्री के उद्घाटन समारोह में इसकी घोषणा की। हालांकि इन देशों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन यह सौदा भारत की रक्षा निर्यात नीति में ऐतिहासिक माना जा रहा है।
कौन हैं ये दो देश?
हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वियतनाम (India Vietnam missile deal), इंडोनेशिया और सऊदी अरब जैसे देशों के नाम चर्चा में हैं। वियतनाम लंबे समय से ब्रह्मोस खरीदने की बातचीत कर रहा था, खासकर दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ तनाव के चलते। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और वियतनाम के बीच करीब ₹700 मिलियन डॉलर की डील अंतिम चरण में थी।
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इंडोनेशिया भी संभावित खरीदारों में शामिल है। जनवरी 2025 की रिपोर्टों में भारत और इंडोनेशिया के बीच ₹450 मिलियन डॉलर की ब्रह्मोस डील की चर्चा थी। वहीं, सऊदी अरब ने भी ब्रह्मोस में रुचि दिखाई है। फरवरी 2024 की रिपोर्टों में भारत और सऊदी अरब के बीच बातचीत की पुष्टि की गई थी।
India defense deal 2025 : भारत की रक्षा निर्यात नीति में बदलाव
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अब सिर्फ हथियार खरीदने वाला नहीं, बल्कि हथियार निर्यात करने वाला देश बन चुका है। लखनऊ में स्थापित ब्रह्मोस फैक्ट्री हर साल 150 मिसाइलों का निर्माण करेगी, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक रक्षा बाजार में हिस्सेदारी बढ़ेगी।
ब्रह्मोस की ताकत
ब्रह्मोस को ‘फायर एंड फॉरगेट’ मिसाइल कहा जाता है, जो मैक-3 की सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरती है। यह मिसाइल भारत के कुल रक्षा निर्यात में एक तिहाई हिस्सेदारी रखती है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने ₹21,000 करोड़ से अधिक के हथियारों का निर्यात किया, जिसमें ब्रह्मोस का बड़ा योगदान रहा।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए ब्रह्मोस मिसाइल समझौते भारत की सैन्य रणनीति, तकनीकी क्षमता और वैश्विक प्रभाव को दर्शाते हैं। यह सौदा न केवल भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करता है, बल्कि चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए रणनीतिक संदेश भी है।
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