Breaking News : रोहित मुर्मू एनकाउंटर, संताल लिबरेशन आर्मी चीफ, कोकराझार IED ब्लास्ट, असम पुलिस कार्रवाई, साहिबगंज गोड्डा अपराधी।
भारत के पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों की पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता में, खूंखार आपराधिक समूह संताल लिबरेशन आर्मी (SLA) का प्रमुख रोहित मुर्मू उर्फ एपिल मुर्मू असम पुलिस के साथ हुई एक मुठभेड़ में मारा गया है। इस एनकाउंटर को कोकराझार रेलवे ट्रैक पर हुए IED ब्लास्ट की जांच से जोड़ा गया है, जिससे असम और झारखंड, विशेषकर साहिबगंज और गोड्डा जिलों की पुलिस ने राहत की साँस ली है।
असम पुलिस एनकाउंटर
यह कार्रवाई दिखाती है कि कैसे राज्य पुलिस बल सीमा पार के आपराधिक और उग्रवादी तत्वों के खिलाफ समन्वय स्थापित कर रहे हैं। themagnewz.in की यह एक्सक्लूसिव रिपोर्ट मुठभेड़ की पूरी कहानी, रोहित मुर्मू का आपराधिक इतिहास और इस घटना का क्षेत्रीय सुरक्षा पर प्रभाव बताती है।
1. एनकाउंटर की पूरी कहानी: कोकराझार में सटीक कार्रवाई
रेलवे ट्रैक ब्लास्ट कोकराझार : असम के कोकराझार जिले में संताल लिबरेशन आर्मी (SLA) प्रमुख रोहित मुर्मू की मौत एक सुनियोजित और निर्णायक कार्रवाई का परिणाम है।
1.1. Breaking News : IED ब्लास्ट के बाद तनाव
कोकराझार के सलाकाटी थाना क्षेत्र में हाल ही में रेलवे ट्रैक पर एक IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) ब्लास्ट हुआ था, जिसने इलाके में दहशत फैला दी थी। असम पुलिस तभी से इस घटना के पीछे के संदिग्धों की तलाश में जुटी थी। खुफिया इनपुट और तकनीकी निगरानी के आधार पर, पुलिस को सलाकाटी के नादंगुरी इलाके में संदिग्धों की मौजूदगी की सूचना मिली।
1.2. मुठभेड़ और मुख्य आरोपी की मौत
सूचना मिलते ही, असम पुलिस की स्पेशल टीम ने इलाके की घेराबंदी शुरू कर दी। कोकराझार के नादंगुरी में हुई इस मुठभेड़ में, सुरक्षा बलों ने संदिग्ध माओवादी तत्वों को मार गिराया। मारे गए व्यक्ति की पहचान बाद में संताल लिबरेशन आर्मी (SLA) के प्रमुख रोहित मुर्मू उर्फ एपिल मुर्मू के रूप में हुई, जो मूल रूप से असम के कचुगांव का रहने वाला था।
पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ स्थल पर हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि संदिग्ध बड़ी आपराधिक या उग्रवादी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। एनकाउंटर के बाद रेलवे ट्रैक पर IED ब्लास्ट की जांच को भी रोहित मुर्मू से जुड़ी SLA की गतिविधियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
2. झारखंड-असम का ‘मोस्ट वांटेड’: रोहित मुर्मू का आपराधिक सफर
रोहित मुर्मू का मारा जाना केवल असम पुलिस की सफलता नहीं है, बल्कि झारखंड के साहिबगंज और गोड्डा जिले की पुलिस के लिए भी एक बड़ी कामयाबी है। उसके आपराधिक रिकॉर्ड का विस्तार दोनों राज्यों तक फैला हुआ था।
2.1. साहिबगंज और गोड्डा में आतंक
झारखंड के बरहेट, साहिबगंज और गोड्डा जिले के विभिन्न पुलिस थानों में रोहित मुर्मू के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक गंभीर मामले दर्ज थे। इन मामलों में रंगदारी, लूट, हत्या के प्रयास और अन्य आपराधिक गतिविधियां शामिल थीं। स्थानीय पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी, और उसके मारे जाने से इन क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में बड़ी राहत मिली है।
2.2. राष्ट्रीय संताल मुक्ति सेना से SLA तक
रोहित मुर्मू का आपराधिक सफर एक उग्रवादी समूह से शुरू हुआ था।
- पहला संगठन: वह पहले उग्रवादी समूह राष्ट्रीय संथाल मुक्ति सेना का सदस्य था।
- संगठन का गठन: जब इस समूह के अन्य सदस्यों ने आत्मसमर्पण कर दिया, तब रोहित मुर्मू समर्पण करने के बजाय झारखंड भाग आया।
- ‘संताल लिबरेशन आर्मी’: साहिबगंज और बरहेट क्षेत्र में छिपकर उसने अपना खुद का एक नया संगठन ‘संताल लिबरेशन आर्मी’ (SLA) का गठन किया। इस संगठन का उपयोग वह मुख्य रूप से रंगदारी और आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए करता था, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ था।
3. क्षेत्रीय सुरक्षा और आगे की जांच
रोहित मुर्मू के मारे जाने के बाद अब SLA संगठन पर लगाम लगने की उम्मीद है। पुलिस अब कई नए पहलुओं पर जांच कर रही है:
- SLA का नेटवर्क: पुलिस SLA के बचे हुए सदस्यों और उसके आपराधिक नेटवर्क की पहचान कर रही है, ताकि इस समूह की जड़ें पूरी तरह से खत्म की जा सकें।
- IED ब्लास्ट कनेक्शन: यह जांच की जा रही है कि क्या कोकराझार में IED ब्लास्ट SLA का कार्य था, और यदि हाँ, तो इसका उद्देश्य क्या था – सिर्फ दहशत फैलाना या किसी बड़े ट्रेन को निशाना बनाना।
- धन स्रोत: SLA द्वारा रंगदारी और लूटपाट से अर्जित किए गए धन स्रोतों और उनके उपयोग की जांच भी की जा रही है।
रोहित मुर्मू एनकाउंटर, संताल लिबरेशन आर्मी चीफ, कोकराझार IED ब्लास्ट, झारखंड असम अपराधी लिंक, एपिल मुर्मू मुठभेड़।
भारत के पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों की पुलिस के लिए यह एक बहुत बड़ी सफलता है। खूंखार आपराधिक समूह संताल लिबरेशन आर्मी (SLA) का प्रमुख रोहित मुर्मू उर्फ एपिल मुर्मू असम पुलिस के साथ हुई एक मुठभेड़ में मारा गया है। इस एनकाउंटर को हाल ही में हुए कोकराझार रेलवे ट्रैक पर IED ब्लास्ट की गहन जांच से जोड़ा जा रहा है, जिसने क्षेत्र में दहशत फैला दी थी।
रोहित मुर्मू के खिलाफ झारखंड के साहिबगंज और गोड्डा जिलों में आधा दर्जन से अधिक गंभीर मामले दर्ज थे। वह वर्षों से पुलिस की पकड़ से बाहर था। असम पुलिस की इस सटीक कार्रवाई के बाद, दोनों राज्यों की पुलिस और क्षेत्रीय लोगों ने राहत की साँस ली है। यह घटना अंतर-राज्यीय आपराधिक तत्वों के खिलाफ सुरक्षा बलों के मजबूत होते समन्वय का एक स्पष्ट संकेत है।
4 कोकराझार में निर्णायक कार्रवाई: ‘माओवादी’ लिंक और IED की जाँच
कोकराझार एनकाउंटर IED : असम पुलिस ने कोकराझार जिले के सलाकाटी थाना क्षेत्र के नादंगुरी में गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की। यह क्षेत्र रेलवे ट्रैक पर हाल ही में हुए IED ब्लास्ट के कारण पहले से ही हाई अलर्ट पर था।
4.1. मुठभेड़ की घटना
- पुलिस को सूचना मिली कि इलाके में एक हथियारबंद समूह छिपा हुआ है और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है।
- सुबह तड़के हुई इस मुठभेड़ में पुलिस की जवाबी फायरिंग में संदिग्ध मारा गया।
- मारे गए व्यक्ति की पहचान बाद में संताल लिबरेशन आर्मी के चीफ रोहित मुर्मू उर्फ एपिल मुर्मू के रूप में हुई। उसके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुए हैं।
- पुलिस के मुताबिक, इस एनकाउंटर के बाद रेलवे ट्रैक IED ब्लास्ट की जांच में अब बड़ा सुराग मिलने की संभावना है।
4.2. दो राज्यों का ‘मोस्ट वांटेड’
रोहित मुर्मू मूल रूप से असम के कोकराझार जिले के कचुगांव का रहनेवाला था, लेकिन झारखंड के साहिबगंज और गोड्डा जिलों में उसकी आपराधिक जड़ें गहरी थीं। झारखंड में वह रोहित मुर्मू के नाम से कुख्यात था, जबकि असम में एपिल मुर्मू के नाम का उपयोग करता था। दोनों राज्यों की पुलिस को उसकी तलाश थी, जिससे यह एनकाउंटर एक अंतर-राज्यीय कामयाबी बन गया है।
5. संताल लिबरेशन आर्मी (SLA) का उदय और आपराधिक इतिहास
रोहित मुर्मू का आपराधिक सफर उग्रवाद से शुरू होकर आपराधिक आतंक तक फैला हुआ था।
- पहला संगठन: वह पहले राष्ट्रीय संथाल मुक्ति सेना नामक उग्रवादी समूह का सदस्य था।
- SLA का गठन: जब संगठन के सदस्यों ने आत्मसमर्पण किया, तो मुर्मू झारखंड भाग गया और वहाँ उसने अपना खुद का खूंखार समूह संताल लिबरेशन आर्मी बनाया।
- गंभीर मामले: साहिबगंज व गोड्डा के थानों में उसके खिलाफ रंगदारी, लूट और हत्या के प्रयास समेत आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे। उसके मारे जाने से बरहेट समेत आसपास के इलाकों में व्याप्त भय का माहौल समाप्त होने की उम्मीद है।
पुलिस अब SLA के बाकी सदस्यों और उसके आपराधिक नेटवर्क की तलाश में है, ताकि इस समूह का पूरी तरह से सफाया किया जा सके।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ) – Google Search Trending
यह खंड उन सवालों पर आधारित है जो Google Search में सबसे ज्यादा ट्रेंड कर रहे हैं और उपयोगकर्ताओं की जिज्ञासा को शांत करते हैं।
Q1: रोहित मुर्मू उर्फ एपिल मुर्मू कौन था?
A: रोहित मुर्मू उर्फ एपिल मुर्मू संताल लिबरेशन आर्मी (SLA) नामक आपराधिक/उग्रवादी समूह का प्रमुख था। वह असम और झारखंड (साहिबगंज, गोड्डा) में रंगदारी, लूट और हत्या जैसे गंभीर मामलों में वांछित अपराधी था।
Q2: यह एनकाउंटर कहाँ और क्यों हुआ?
A: एनकाउंटर असम के कोकराझार जिले के सलाकाटी थाना क्षेत्र के नादंगुरी में हुआ। यह कार्रवाई हाल ही में कोकराझार रेलवे ट्रैक पर हुए IED ब्लास्ट के मुख्य संदिग्धों की तलाश में की गई थी।
Q3: रोहित मुर्मू का झारखंड और असम से क्या कनेक्शन था?
A: रोहित मुर्मू मूल रूप से असम का निवासी था, लेकिन उसने झारखंड के साहिबगंज और गोड्डा में संताल लिबरेशन आर्मी (SLA) का गठन किया और आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया। वह दोनों राज्यों की पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड था और दो अलग-अलग नामों से सक्रिय था।
Q4: संताल लिबरेशन आर्मी (SLA) क्या है?
A: SLA एक उग्रवादी/आपराधिक समूह है जिसे रोहित मुर्मू ने तब बनाया था जब वह राष्ट्रीय संथाल मुक्ति सेना से अलग हो गया था। यह समूह मुख्य रूप से झारखंड और असम सीमावर्ती क्षेत्रों में रंगदारी और आपराधिक गतिविधियों के लिए सक्रिय था।
निष्कर्ष:
संताल लिबरेशन आर्मी प्रमुख रोहित मुर्मू का एनकाउंटर, असम और झारखंड पुलिस के बीच बढ़ते समन्वय और उग्रवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का एक स्पष्ट संकेत है। यह कार्रवाई न केवल कोकराझार क्षेत्र में शांति बहाली में सहायक होगी, बल्कि साहिबगंज-गोड्डा पट्टी में भी आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह एनकाउंटर दर्शाता है कि सुरक्षा बल अपनी सीमाओं से परे जाकर भी खूंखार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम हैं।







