अपनी याचिका में Param Bir Singh ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख पुलिस विभाग के तबादलों में भ्रष्टाचार करते थे और इस मुद्दे को उठाने वाली महिला अधिकारी हटाया गया था। याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख कई मामलों में चल रही जांच में हस्तक्षेप करते थे और उस तरह से जांच करने के लिए बोलते थे जिस तरह वे खुद चाहते थे।
महाराष्ट्र के लेटर बम विवाद मामले (Maharashtra Letter Bomb issue) में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की शरण ली है. परमबीर ने इस मामले में याचिका दाखिल करके मामले की CBI जांच (CBI probe) की मांग की है. पूर्व पुलिस कमिश्नर Param Bir Singh ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका की याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरोपों की सीबीआई द्वारा तुरंत निष्पक्ष और सही जांच कराई जाए और उनके ट्रांसफर को रद्द किया जाए.
Hindi news of India : पढे 20 March 2021 आज के ताजा समाचार हिंदी में | आज के ताजा समाचार | हिंदी समाचार ताजा खबर | Magnewz
महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर के पत्र के बाद वहां की राजनीति में आए तूफान के बाद परमबीर सिंह ने एक और बड़ा कदम उठाया है। Param Bir Singh ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और अपनी याचिका में महाराष्ट्र के गृह मंत्री के कथित भ्रष्टाचार की सबूत नष्ट होने से पहले जांच की मांग की है। अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख के ऊपर आरोप लगाया है कि फरवरी में उन्होंने क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के सचिन वाजे और अन्य अधिकारियों तथा सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल के साथ मुलाकात की थी और उन्हें 100 करोड़ रुपए की उगाही का निर्देश दिया था।
अपनी याचिका में Param Bir Singh ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख पुलिस विभाग के तबादलों में भ्रष्टाचार करते थे और इस मुद्दे को उठाने वाली महिला अधिकारी हटाया गया था। याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख कई मामलों में चल रही जांच में हस्तक्षेप करते थे और उस तरह से जांच करने के लिए बोलते थे जिस तरह वे खुद चाहते थे। याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी बताया कि उन्होंने अनिल देशमुख के कथित भ्रष्टाचार के बारे में सारी जानकारी वरिष्ठ नेताओं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को भी दी थी और ऐसा करने के बाद ही 17 मार्च को उनका तबादला कर दिया गया।
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