Secular India! : पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार, याचिकाकर्ता ने कहा- मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदू नहीं डाल पाते वोट

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West Bengal Assembly Election News : याचिकाकर्ता ने कहा है कि कई जगहों पर हिंदू वोटरों को वोट नहीं डालने दिया जाता है और फर्जी वोटों से वाट डलवाया जाता है। याची ने कहा कि मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, नादिया, कूचविहार, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना और कोलकाता के कई इलाके ऐसे हैं जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं और इन इलाकों में हिंदुओं को वोट नहीं देने दिया जाता है।

नई दिल्ली : अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस दौरान राज्य में राजनीतिक हिंसाओं के बढ़ते मामलों (Increasing cases of Political Violence in West Bengal) के कारण निष्पक्ष चुनाव संपन्न होने को लेकर भी संदेह होने लगा है। यही वजह है कि प. बंगाल विधानसभा चुनाव को किसी भी प्रभाव से मुक्त और पूर्णतः निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए (Free and Fair Election) सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में मांग की गई है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि मतदाता सूची में जो फर्जी वोटरों के नाम हैं उन्हें हटाने की कार्रवाई करे। सुप्रीम कोर्ट में पुनीत कौर ढांडा की ओर से अर्जी दाखिल की गई है।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि चुनाव आयोग से कहा जाए कि वह पश्चिम बंगाल के फर्जी मतदाताओं के मामले में विस्तार से रिपोर्ट पेश करे। याचिकाकर्ता ने कहा है कि कई जगहों पर हिंदू वोटरों को वोट नहीं डालने दिया जाता है और फर्जी वोटों से वाट डलवाया जाता है। याची ने कहा कि मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, नादिया, कूचविहार, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना और कोलकाता के कई इलाके ऐसे हैं जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं और इन इलाकों में हिंदुओं को वोट नहीं देने दिया जाता है। किसी न किसी तरह से उन्हें वोट देने में व्यवधान किया जाता है.

याचीकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वहां विरोधी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्याएं होती हैं। इस बात का उल्लेख करते हुए याचिका में कहा गया है कि इन तमाम मामलों की सीबीआई से जांच की जानी चाहिए। राज्य मे कुछ सालों से राजनैतिक हत्याएं काफी ज्यादा हुई है और उनमें बीजेपी के नेताओं की हत्या ज्यादा हुई है। जो दल सत्ता में है वह इस तरह की हत्याएं रोकने के लिए कारगर कदम नहीं उठाए हैं। महिला नेताओं का भी मर्डर हुआ है। राज्य में मानवाधिकार के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। विरोधी दल के नेताओं को वहां सुरक्षा प्रदान करने की भी गुहार लगाई गई है।

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