खुलासा : यूएपीए (UAPA) कानून के डर से दिशा ने ग्रेटा थनबर्ग से टूलकिट संबंधी ट्वीट कराया था डिलीट

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नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली में करीब दो माह से जारी किसान आंदोलन के समर्थन में पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने एक भारत विरोधी योजना वाली टूलकिट साझा करते हुए ट्वीट किया था। इसके बाद भारतीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि ने सख्त कानून UAPA के तहत कार्रवाई के डर से स्वीडिश कार्यकर्ता को ट्वीट डिलीट करने को कहा था क्योंकि उस टूलकिट में दिशा का भी नाम था।

टूलकिट मामले में पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा के अनुरोध के बाद कथित रूप से ट्वीट को डिलीट कर दिया था। बाद में टूलकिट का एक संपादित संस्करण साझा किया। इस दौरान पुलिस ने यह भी दावा किया कि टूलकिट का संपादन 22 वर्षीय दिशा ने किया था।

दिशा ने जताया था डर, कहा- हमारे खिलाफ हो सकती है कार्रवाई
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दिशा ने व्हाट्सएप पर थनबर्ग को लिखा, “ठीक है, क्या ऐसा हो सकता है कि आप टूलकिट को पूरी तरह ट्वीट न करें। क्या हम थोड़ी देर के लिए रुक सकते हैं। मैं वकीलों से बात करने वाली हूं। मुझे खेद है, लेकिन उस पर हमारे नाम हैं और हमारे खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई हो सकती है।” 
दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि दिशा ने कथित रूप से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज होने के डर से यह अनुरोध किया था।

व्हाट्सएप चैट से हुआ खुलासा 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि थनबर्ग और दिशा रवि के बीच व्हाट्सएप चैट की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ। चैट से पता चला कि दिशा ने ट्वीट डिलीट करने के लिए ग्रेटा थनबर्ग से अनुरोध किया था क्योंकि “टूलकिट” के दस्तावेज में उसका नाम था।

दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान टूलकिट दस्तावेज से संबंधित प्रश्नों का जवाब देते हुए पुलिस उपायुक्त (साइबर सेल) अन्येष रॉय ने कहा, ”यह एक ‘स्टैटिक’ दस्तावेज नहीं है। यह एक गतिशील दस्तावेज है, जिसमें बड़ी संख्या में हाइपरलिंक हैं, जो विभिन्न गूगल ड्राइव, गूगल डॉक्स और वेबसाइटों के लिंक हैं। जिसमें से एक है- आस्कइंडियाह्वाई डॉट कॉम है। इस वेबसाइट में बहुत अधिक खालिस्तानी समर्थक सामग्री है। इसलिए यह दस्तावेज अपने आप में एक कार्य योजना है।”

क्या है टूलकिट मामला 
बता दें कि किसान आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए थनबर्ग ने एक भारत विरोधी दस्तावेज (टूलकिट) साझा किया था। इस दस्तावेज में ‘ट्विटर स्टॉर्म’ बनाने और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने सहित भारत की छवि खराब करने संंबंधी कई योजनाएं सूचीबद्ध की गई थीं, जो किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए बनाई गई थीं।

क्या है यूएपीए (UAPA) कानून?

UAPA के तहत देश और देश के बाहर गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के मकसद से बेहद सख्त प्रावधान किए गए हैं। साल 1967 बने इस कानून में साल 2019 में सरकार ने कुछ संशोधन करके इसे कड़ा किया था। यह कानून पूरे देश में लागू होता है। इस कानून के तहत मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिल सकती और किसी भी भारतीय या विदेशी के खिलाफ इस कानून के तहत केस चल सकता है। अपराध की लोकेशन या प्रवृत्ति से कोई फर्क नहीं पड़ता। विदेशी धरती पर अपराध किए जाने के मामले में भी इसके तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है। मुख्य तौर पर यह कानून आतंकवाद और नक्सलवाद से निपटने के लिए है।

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