Yasin Malik Terror Funding Case | यासीन ने 10 मई को अदालत को बताया था कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आतंकी अधिनियम, आतंकी फंडिंग, आतंकी हरकतें, देशद्रोह, धोखाधड़ी मामलों का सामना अब नहीं करेगा। अदालत ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक(Yasin Malik) को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस फैसले के बाद कश्मीर के साथ ही जम्मू संभाग में भी सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा गया है।
फ्रंट के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। किसी प्रकार की अप्रिय घटना न होने पाए, इसके लिए सुरक्षा एजेंसियां कश्मीर घाटी में पैनी नजर बनाए हुए हैं।
विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन (Yasin Malik) को 19 मई को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत सभी आरोपों का दोषी ठहराया था। यासीन मलिक (Yasin Malik) के केस की सुनवाई के चलते पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है।
Yasin Malik के घर के बाहर माहौल तनावपूर्ण
कश्मीर घाटी में यासीन मलिक के घर के बाहर भारी संख्या में समर्थक जुटे हैं, जोकि यासीन (Yasin Malik) के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं। इलाके में सुरक्षा व्यव्स्था काफी सख्त है। ड्रोन से नजर रखी जा रही है। माहौल तनावपूर्ण है, पुलिस व अन्य सुरक्षाबल हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
अराजकतत्वों पर नजर बनाए हुए हैं सुरक्षाबल
Yasin Malik को हवालात से कोर्ट लाया गया है। किसी भी समय सजा का एलान हो सकता है। कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। कोर्ट में किसी के भी आने-जान पर रोक लगा दी गई है। उधर, कश्मीर में यासीन मलिक (Yasin Malik) के घर के बाहर उसके समर्थकों ने नारेबाजी और पथराव किया है। जिन्हें तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे। सुरक्षाबल संयम बरतते हुए यासीन के समर्थकों और अराजकतत्वों पर नजर बनाए हुए हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे पासपोर्ट दिलवाया था, क्योंकि…”, कोर्ट में बहस के दौरान यासीन मलिक (Yasin Malik) की दुहाई
कोर्ट में बहस के दौरान Yasin Malik ने कहा, ”बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद 30 मिनट के अंदर ही मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे पासपोर्ट आवंटित किया और मुझे भारत ने व्याख्यान देने की अनुमति दी, क्योंकि मैं अपराधी नहीं था.
यहां तक कि न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले से पहले मलिक के खिलाफ कोई मामला या मुकदमा नहीं चल रहा था. एनआईए ने धारा 121 के तहत अधिकतम सजा की मांग की है. अधिकतम सजा मौत तक फांसी दी जानी है.
इस धारा के तहत न्यूनतम सजा आजीवन है. मलिक ने यह भी कहा कि 1994 में हथियार छोड़ने के बाद मैंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन किया है और तब से मैं कश्मीर में अहिंसक राजनीति कर रहा हूं.
कोर्ट रूम में Yasin Malik ने कहा कि 28 सालो में अगर मैं कही आतंकी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं इंडियन इंटेलिजेंस अगर ऐसा बता दे तो मैं राजनीति से भी सन्यास ले लूंगा, फांसी मंजूर कर लूंगा. 7 पीएम के साथ मैंने काम किया है.
यासीन मलिक (Yasin Malik) पर यूएपीए के तहत कई मामले दर्ज हैं. जैसे कि धारा 16 आतंकवादी गतिविधि. धारा 17 आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाना. धारा 18 आतंकवादी कृत्य की साजिश रचना. धारा 20 आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होना. भारतीय दंड संहिता. धारा 120-बी आपराधिक साजिश. धारा 124-ए देशद्रोह.
साल 2017 की हिंसा से जुड़ा है मामला. आतंकी बुरहान की मुठभेड़ में मौत के बाद साल 2016-2017 में कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाएं बढ़ी थीं. इसके बाद जांच एजेंसी एनआईए ने यासीन मलिक (Yasin Malik) और अन्य अलगाववादियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था.