Election Results | यूपी-बिहार समेत छह राज्यों की सात सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजों का ऐलान हो चुका है। बीजेपी ने एक बार फिर अपने पुराने फॉर्म को जारी रखते हुए विपक्षी दलों के मुकाबले अधिक सीटें हासिल कीं। चार सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया तो बाकी की तीन सीटें विपक्षी दलों के पास गईं।
यूपी की गोला सीट पर बीजेपी के अमन गिरी को जीत मिली। जबकि बिहार में एक सीट आरजेडी तो एक बीजेपी के खाते में गई। महाराष्ट्र की अंधेरी सीट शिवसेना और हरियाणा की आदमपुर सीट बीजेपी के कब्जे में गई। इसके अलावा, ओडिशा में भी बीजेपी ने एक सीट जीत ली, लेकिन तेलंगाना में टीआरएस ने बाजी मारी। कुल सात में से चार सीटें जीतकर बीजेपी ने विपक्ष को तगड़ा झटका दिया है।
2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से ही बीजेपी का चुनावी रुतबा और बढ़ा है। एक के बाद एक करके कई ऐसे राज्यों में कब्जा किया है, जहां पहले भगवा दल की जीत के बारे में कोई सोच तक नहीं सकता था। अब जब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में महज कुछ ही महीने का समय बचा हुआ है, तो विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत से बीजेपी काफी उत्साहित है।
बीजेपी के सामने कहीं टिक क्यों नहीं रहा विपक्ष? Election Results 2022.
Election Results | बीजेपी के सामने कांग्रेस ही नहीं, बल्कि सपा, बसपा जैसे दल भी कहीं नहीं टिक पा रहे हैं। इस साल यूपी विधानसभा चुनाव में जहां सपा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा तो उत्तराखंड, गोवा जैसे राज्यों में भी बीजेपी ने फिर से वापसी कर ली। आज यूपी की गोला गोकर्णनाथ सीट का नतीजा भी सपा के लिए करारा झटका लेकर आया।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव के लिए गोला की सीट किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं थी, लेकिन इसके बाद भी बीजेपी के प्रत्याशी अमन गिरि ने 34 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की। चुनावी एक्सपर्ट्स की मानें तो बीजेपी के सामने लगातार विपक्षी दलों की हार होने के पीछे कई वजहें हैं।
पहला पीएम नरेंद्र मोदी का चेहरा होने की वजह से बीजेपी को एक के बाद एक चुनावों में जीत मिल रही है (Election Results )। पीएम होने के बाद भी नरेंद्र मोदी खुद चुनावों पर नजर रखते हैं और रणनीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि विपक्षी दलों के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जो उन्हें चुनावों में एकतरफा माहौल बना सके और जितवा सके।
इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रहीं विभिन्न डीबीटी योजनाओं का भी विपक्षी दलों के पास कोई तोड़ नहीं है। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने जरूर थोड़ी-बहुत टक्कर दी है, लेकिन अभी यह कहना मुश्किल होगा कि लोकसभा चुनावों में पार्टी कितनी सफल हो पाती है।
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष के लिए झटके जैसे हैं नतीजे | Election Results.
Election Results | भले ही आज आए चुनावी नतीजे विधानसभा उपचुनाव के हों, लेकिन पॉलिटिक्स में हर चुनाव की अपनी अहमियत होती है। विपक्षी दल पिछले कई सालों से अपनी जमीन को वापस पाने की जी-जान से कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ज्यादातर उन्हें विफलता ही हाथ लगी है। पिछले दो लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल 24 में होने वाले आम चुनाव में कुछ बेहतर नतीजे के आने की जरूर सोच रहे होंगे।
लेकिन उपचुनाव ने उन्हें झटका दिया है। यूपी, बिहार, हरियाणा जैसे राज्यों में सीटों पर कब्जा करना दिखाता है कि अब भी हिन्दी बेल्ट के राज्यों में बीजेपी और पीएम मोदी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यदि इन उपचुनावों में विपक्ष बीजेपी के मुकाबले अधिक सीटें जीतता तो फिर उसे लोकसभा चुनाव से पहले जरूर एक संजीवनी हासिल होती। साथ ही मनोबल भी बढ़ता, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
गुजरात-हिमाचल में विपक्ष के लिए क्या संभावनाएं? Election Results live
Election Results | पिछले विधानसभा चुनाव में गुजरात में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सभी को चौंका दिया था। हालांकि, सरकार बनाने से चूक गई थी, जिसके बाद माना जा रहा था कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीत सकती है। अब जब चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है तो कांग्रेस जमीन पर बहुत कम दिख रही है।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अब तक खुद को लगभग गुजरात से दूर ही रखा हुआ है और भारत जोड़ो यात्रा के जरिए केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। कांग्रेस की तुलना में गुजरात में आम आदमी पार्टी ज्यादा तैयार दिख रही है और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल धुआंधार रैलियां कर रहे हैं।
Election Results | ज्यादातर चुनावी सर्वों में भी बीजेपी के गुजरात पर एक बार फिर से कब्जा जमाए जाने के आसार हैं। उधर, हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां भी गुजरात की तरह बीजेपी का ही दबदबा दिख रहा है। हालांकि, गुजरात के मुकाबले हिमाचल में फर्क इतना जरूर है कि यहां प्रियंका गांधी ने खुद कमान संभाली हुई है और अब तक कई रैलियों को संबोधित कर चुकी हैं। पहाड़ी राज्य में पार्टी ज्यादा तेज तर्रार तरीके से चुनाव लड़ रही है।
ऐसे में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को कुछ चमत्कार करना है तो फिर आगामी गुजरात और हिमाचल के चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा, ताकि आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी हो सके। यदि ऐसा करने में सफल नहीं होती है तो फिर 24 के चुनाव में विपक्ष की डगर मुश्किल हो सकती है।
Top site ,.. amazaing post ! Just keep the work on !
Hm,.. amazing post ,.. just keep the good work on!
Top ,.. I will save your website !
Greetings! Very helpful advice in this particular post! It is the little changes that make the most significant changes. Thanks for sharing!
I always spent my half an hour to read this web site’s posts everyday along with a cup of coffee.